केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने प्रधान मंत्री (पीएम) नरेंद्र मोदी के गतिशील और निर्णायक नेतृत्व में अपने सफल आठ साल पूरे किए। पिछले आठ साल भारत के लिए एक परिवर्तनशील रहे हैं। भारत अब जातिवाद, वंशवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठ कर विकास, एकता और राष्ट्रवाद की राह पर चल पड़ा है। धीरे धीरे ही सही पर अब भारत के हर गांव, हर शहर की तस्वीर बदल रही है।
इस परिवर्तन शील यात्रा ने हमारे समाज के पिछड़े वर्गों, दलितों और अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और उत्पीड़ित वर्गों से लेकर महिलाओं और युवाओं तक सभी को एकत्र कर उन्हें वास्तव में मजबूत बनाया है।
इस अनोखी यात्रा में भारतीय की सोच भी बदली है। जहा पहले लोग अक्सर कहते थे की “इस देश में कुछ भी संभव नहीं है” वही अब वे लोग “सब कुछ संभव है अगर सरकार और लोगों की इच्छा और प्रतिबद्धता हो” कहते नज़र आते है। इस विकासशील यात्रा में सिर्फ सरकार का ही योगदान नहीं है बल्कि इसमें आमजन का भी पूरा पूरा योगदान है। यह आमजन और सरकार के मिलेजुले प्रयासो का श्रेय है की आज भारत की तस्वीर बदल रही है। भारत आज तेजी से विकास की राह पर बढ़ रहा है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में न सिर्फ देश बदला है, बल्कि उल्लेखनीय विकास और तेजी से विकास का एक नया अध्याय भी लिखा जा रहा है। आज आठ साल का बदलता भारत हर भारतीय की आंखों में झलकता है। पिछले आठ वर्षों में, हमारी गरीबी दर 22% से घटकर 10% हो गई, और अत्यधिक गरीबी 1% से नीचे गिर गई और 0.8% पर स्थिर रही। इस सरकार के तहत, 15 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्वीकृत किए गए, जिनमें से 10 चालू हो गए हैं और पांच निर्माण के उन्नत चरणों में हैं। डॉक्टरों की संख्या में 1.2 मिलियन का उछाल आया। भारत ने दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बनाया और पिछले पांच वर्षों में हमारी सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता दोगुनी हो गई है।
जैसा कि भारत महामारी से जूझ रहा था, यह पीएम मोदी थे जिन्होंने सामने से नेतृत्व किया। उन्होंने भारत को एक नहीं बल्कि दो “मेड इन इंडिया” टीके दिए, और पिछले दो वर्षों में 800 मिलियन से अधिक भारतीयों को ₹3.40 लाख करोड़ के खर्च पर मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए सरकारी खजाने खोले। विदेश नीति एक ऐसा क्षेत्र है जहां भारत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इराक, यमन, अफगानिस्तान से लेकर यूक्रेन तक, भारत ने दुनिया को दिखाया कि कैसे प्रभावी विदेशी संबंध नागरिकों के जीवन को बचाने में मदद करते हैं। आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिंग, ग्लोबल सोलर अलायंस, क्वाड की प्रभावशीलता और हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे मजबूत संबंधों के मुद्दों पर भी भारत ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया।
पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सफलता का राज भारतीयों का विश्वास और आशीर्वाद है जो हमारी पार्टी ने जीता। लोग आज जानते हैं कि केंद्र में एक सरकार है जो उनके कल्याण के लिए काम करती है और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है।
मानव जीवन सबसे सुंदर और सर्वोत्तम होता है। मानव जीवन की खुशियों का कुछ ऐसा जलवा है कि भगवान भी इस खुशी को महसूस करने समय-समय पर धरती पर आते हैं। भगवन विष्णु का एक रूप है भगवन श्री कृष्णा, जिनकी बाल लीलाओ ने जहा सब का मन मोह लिया वही उनके द्वारा दिया गया गीता का उपदेश आज भी लोगो को जीने की राह दिखा रहा है। इन्ही लीलाधर का आज जन्मदिन है जिसे भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। भगवान् श्री कृष्णा को हम लोग लीलाधर, देवकीनंदन , गिरधर , यशोदानन्दन , जैसे नामो से जानते है।
श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष को कृष्ण जन्माष्टमी पूरे भारत वर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह पर्व हिंदु धर्म के परंपरा को दर्शाता है। सनातन संस्कृति को दर्शाने वाला यह बहुत बड़ा त्योहार है। अतः भारत से दूर अन्य देशों में बसे प्रवासी भी इस त्योहार को उल्लास के साथ मनाते हैं। जन्माष्टमी पूरे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसके अलावा बांग्लादेश के ढांकेश्वर मंदिर, कराची, पाकिस्तान के श्री स्वामी नारायण मंदिर, नेपाल, अमेरिका, इंडोनेशिया सहित अन्य देशों में एस्कॉन मंदिर के जरिए जन्माष्टमी मनाई जाती है।
देश भर में कृष्णा जन्मउत्सव सिर्फ एक पूजा के रूप में ही नहीं मानते बल्कि देश भर में इसे एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देश भर में अलग अलग जगहों पर दही हांड़ी फोड़ प्रतियोडिगा आयोजित होती है।कई स्थानों पर हांडी में दूध-दही भरकर, उसे काफी ऊंचाई पर टांगा जाता है. युवकों की टोलियां उसे फोडकर इनाम लूटने की होड़ में बहुत बढ-चढकर इस उत्सव में भाग लेती हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बच्चे अपने घरों के सामने हिंडोला सजाते हैं। वे हिंडोले (पालने) में छोटे से कृष्ण को सुला देते हैं। कंस का कारागार बना देते हैं। उसमें देवकी और वसुदेव को बिठा देते हैं कारागार के बाहर सिपाही तैनात कर देते हैं। इसी प्रकार उसके आसपास अन्य खिलौने रख देते हैं। इन्हें देखने के लिए आस-पास के बहुत लोग आते हैं। कई स्थान पर कृष्ण-लीला भी होती है। आप को इस दिन हर घर में छोटे छोटे बच्चे कृष्णा और राधा के रूप में मिल जायेगे। कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार आनंद ¸ सांप्रदायिक सद्भाव और अनेकता में एकता का त्योहार है।