राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) में 28 जून को हुए कन्हैयालाल हत्याकांड (Kanhiyalal Murder Case) ने  पुरे देश को झकझोर कर रख दिया है। उदयपुर में दो युवको मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या सिर्फ इसलिए कर दी थी क्योकि  कन्हैयालाल ने बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट करी थी। इस हत्या के बाद हत्यारों ने हत्या का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया और इस हत्या की पूरी जिम्मेदारी ली। इस हत्या कांड के बाद से पुरे राजस्थान में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था और पुरे जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया था।

बीजेपी नेताओ ने इस हत्याकांड को दुर्भाग्यपूर्ण  बताया है और साथ ही इस की निन्दा की है। यह समय शांति और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का है। साथ ही प्रशासन पर इस हत्याकांड के दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त करवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही केंद्र ने आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए को इसकी जांच का जिम सौप दिया था। NIA ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपियों मोहम्मद गौस और रियाज के दो साथियों मोसिन और आसिफ को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ भी करी है।

वही दर्जी कन्हैयालाल की हत्या करने के बाद आरोपियों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में आरोपियों ने पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी दी थी। आरोपियों ने वीडियो में सीधे तौर से बीजेपी प्रवक्ता नुपूर शर्मा के कथित विवादित टिप्पणी का जिक्र करता हुआ दिखता है। वह धमकी देता है कि जिस तरह से उसने कन्हैयालाल की हत्या की है उसी तरह एक दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी करेगा। धमकी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आते ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी अलर्ट मोड में आ गयी है।

 बीजेपी इस तरह की निर्मम हत्या का घोर विरोध करती है। इस तरह की वारदात से देश में सांप्रदायिक तनाव बन जाता है। ऐसे में आमजन को मुसीबतो का सामना करना पड़ता है। धर्म के नाम पर ऐसे जघन्य अपराध भारत में आतंक को फैलाते है। भारत में कई आतंकवादी अब स्लीपर सेल के जरिये आतंकवाद फ़ैलाने में लगे हुए है। यह सभी स्लीपर सेल की तरह देश को बर्बाद करने पर तुले हैं। अगर समय इस समस्या को नहीं सुलझाया गया तो यह आगे चल कर बड़ी समस्या बन सकती है।

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