सऊदी अरब की यात्रा पर चल रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने का प्रबल दावेदार है। इसके पीछे उन्होंने इसकी वजह भी बताई है। भारत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के अपने उद्देश्यों को पूरा करने में हमेशा अग्रसर रहा है, साथ ही  वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल कदम उठा रहा है। भारत काफी समय से सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रयासों में सबसे आगे रहा है। भारत सबसे बड़े लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, परमाणु शक्ति संपन्न, प्रौद्योगिकी केंद्र और वैश्विक संपर्क की परंपरा वाले देश के रूप में सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का मजबूत दावेदार है।

सुरक्षा परिषद का विस्तार न केवल भारत बल्कि अन्य गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों के भी पक्ष में है। भारत काफी समय से सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में सुधार के प्रयासों में सबसे आगे रहा है और परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद मौजूदा समय में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।  भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और उच्च आय वाला देश बनाने की दिशा में शक्तिशाली प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत उन तरीकों के बारे में सोचता है जिससे वह अपनी क्रेडिट, बैंकिंग, शिक्षा और श्रम नीति को बदल सकता है। एक व्यापारिक शक्ति के रूप में भारत का आइडिया आज विश्वसनीय हो गया है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से UNSC एक है. इसका मुख्य कार्य विश्वभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इसके अतिरिक्त संयुक्तराष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है. परिषद की अन्य जिम्मेदारियों में के देशो में शांति मिशन भी भेजना है. इसके अलावा अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री एक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है.।

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