प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2024 तक सभी परिवारों को पाइप जलापूर्ति ‘Har Ghar Nal Se Jal’ सुनिश्चित करने के लिए PM Har Ghar Jal Yojana 2022 (Jal Jeevan Mission) शुरू किया है। इस मिशन के तहत “गोवा” देश का पहला राज्य बन गया है जिसने अपने ग्रामीण क्षेत्रों के 100 फीसदी घरों में ‘हर घर जल’ उपलब्ध  करवाया है। राज्य में जल जीवन मिशन के तहत 2.30 लाख ग्रामीण घरों को पाइप से जलापूर्ति की सुविधा मिल गई है। राज्‍य के दो जिलों की 191 ग्राम पंचायतों में पाइप लाइन और नल कनेक्शन के जरिए हर घरों तक पानी पहुंचाया गया है।

जल जीवन मिशन के तहत हमारी सरकार ने 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप के जरिए जल पहुंचाया है. इसके अलावा बीते 3 साल में 7 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप के जरिए पानी की सुविधा पहुंचाई गई है। अटल भूजल योजना, जल जीवन मिशन, देश के हर जिले में 75 सरोवरों का निर्माण और नदियों को आपस में जोड़ने का लक्ष्य देश के हर घर में जल पहुंचाना है। देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप द्वारा स्वच्छ जल की सुविधा से जुड़ चुके हैं। ये हर घर जल पहुंचाने की सरकार की बहुत बड़ी सफलता है। इसके अलावा  देश के अलग-अलग राज्यों के एक लाख से ज्यादा गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं।

महिलाओ की महतवपूर्ण भूमिका

हर घर जल पहुंचता है तो सबसे अधिक लाभ बहनों और भावी पीढ़ी को होता है, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई मजबूत होती है. इसलिए मिशन के केंद्र में बहन-बेटियां ही हैं। मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू पानी की गुणवत्ता भी है और इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गांव में कम से कम पांच महिलाओं को जल परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। आज देश में 10 लाख से अधिक महिलाओं को ग्रामीण घरों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इन महिलाओं द्वारा फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) का उपयोग करके 57 लाख से अधिक पानी के नमूनों का परीक्षण किया गया है।

क्या है हर घर जल योजना

हर घर जल योजना भारत सरकार द्वारा साल 2019 में ग्रामीण इलाके के हर घर में 2024 तक नल का पानी पहुंचाने जो पीने के लिए भी उपयुक्त हो के उद्देश्य से शुरू की गई एक योजना है। साथ ही इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई अन्य कार्य भी शामिल हैं। जैसे, भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग को भी लागू किया जायेगा।  इस योजना की घोषणा वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। वर्तमान में 51 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो चुका है जो अगस्त 2019 में जब ये अभियान शुरू हुआ , तब ये आंकड़े 17 प्रतिशत था। इस उद्देश्य को 2024 तक पूरा करने के कार्यों को आवंटित किया जाएगा जिसके लिए 30 सितम्बर तक की डेडलाइन जारी की गई है।

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