हर साल देश में 15 सितंबर का दिन इंजीनियर्स डे ( Engineer’s Day ) के तौर पर मनाया जाता है। भारत सरकार ने वर्ष 1968 में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिन के अवसर पर इंजीनियर्स डे मनाए जाने की घोषणा की थी, जिसके बाद से हर साल आज के दिन अभियंता दिवस/इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। देश के महान इंजीनियरों में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का नाम अग्रगण्य है। इन्हें आधुनिक मैसूर का निर्माता भी कहा जाता है। इन्हें ‘कर्नाटक के भगीरथ’ भी कहा जाता है।

डॉ. विश्वेश्वरैया ने हैदराबाद की मूसी नदी में आने वाली बाढ़ के कारण उस शहर की जन-धन की होने वाली अपार हानि को समाप्त किया। हैदराबाद के निजाम के आग्रह पर उन्होंने नदी पर सक्कर बांध का निर्माण करवाया । पहली बार बांध निर्माण कर बाढ़ को नियन्त्रित करने का प्रयास डॉ. विश्वेश्वरैया ने ही किया था। हालांकि इस कार्य में उन्हें काफी कठिनाइयों एवं बाधाओं का सामना भी करना पड़ा । उनके कार्यों से प्रभावित होकर मैसूर के राजा ने उन्हें नालियों तथा पानी निकासी की समस्या का समाधान करने हेतु अपने शहर आमन्त्रित किया। शिक्षा की अहमियत को अच्‍छी तरह से समझते थे. वे गरीबी का बहुत बड़ा कारण अशिक्षा को मानते थे. इसलिए उन्‍होंने अपने कार्यकाल के दौरान मैसूर में स्कूलों की संख्या को 4,500 से बढ़ाकर 10,500 कर दिया था. मैसूर में लड़कियों के लिए अलग हॉस्टल तथा पहला फ‌र्स्ट ग्रेड कॉलेज (महारानी कॉलेज) खुलवाने का श्रेय भी विश्वेश्वरैया को ही जाता है।  एम विश्वेश्वरैया के इस योगदान को देखते हुए आजादी के बाद साल 1955 में उन्‍हें भारत के सर्वोच्‍च सम्‍मान भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया. विश्वेश्वरैया 100 से भी अधिक आयु तक जीवित रहे थे और जब तक जिंदा रहे सक्रिय रहे।  सिविल इंजीनियर रहे विश्वेश्वरैया ने आधुनिक भारत के बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभायी थी. साथ ही यह सभी इंजीनियरों की मेहनत और लगन को सलाम करने का भी दिन है।

आधुनिक भारत के निर्माण में इंजीनियर्स का महत्वपूर्ण योगदान हैं। वे विकास की रीढ हैं। उनके बिना किसी भी देश का आगे बढ़ना संभव नहीं है। उन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि आज भारत विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहा है। इंजीनियरिंग और आईटी हब के रूप में भारत की पहचान बन रही है। दुनिया के तमाम देशों से भारत आगे निकल रहा है। देश में इंजीनियरिंग की कई संस्थाएं हैं, जहां से हर साल बेहतर इंजीनियर निकल रहे हैं औऱ देश को आगे ले जाने में अपना योगदान दे रहे हैं।

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