देशभर में आज से गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। गणेश उत्सव पूरे भारत वर्ष में हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी से प्रारम्भ होकर यह उत्सव अनन्त चतुर्दशी तक भगवान् गणेश की प्रतिमा के विसर्जन तक मनाया जाता है। इस साल गणेश उत्सव ३१ अगस्त से लेकर ९ सितम्बर तक चलेगा। किसी भी नए कार्य के प्रारंभ से पहले श्री गणेश भगवान की पूजा की जाती है और उसके बाद बाकी देवी देवताओं की पूजा की जाती है। तथा किसी कर्मकांड से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है जो आने वाले सभी कष्टों को दूर करते हैं।
गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होने के बाद गणेश उत्सव पूरे 10 दिन तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी तिथि पर लोग अपने घरों में शुभ मुहूर्त पर भगवान गणेश की स्थापना करते हैं। 10 दिनों तक विधि अनुसार श्रद्धालु विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करते हैं और दसवें दिन उनकी प्रतिमा को पवित्र नदी, सरोवर या झील में विसर्जित करते हैं। वैसे तो गणेश चतुर्थी पुरे देश में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है लेकिन मुंबई में इस त्यौहार का विशेष महत्व है। गणेश पूजा के दौरान कपूर, लाल चंदन, लाल फूल, नारियल, गुड़, मोदक और दुरवा घास चढ़ाने की प्रथा है। गणेश भगवान माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं। ये बुद्धि और समृद्धि के भगवान माने जाते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इसके पीछे यह मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री गणेश का महाराष्ट्र(वर्तमान) में मेहमान बनकर स्वागत हुआ । राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश को लाल बाग में आमंत्रित किया। और कुछ दिन वहां रुकने का आग्रह किया। जितने दिन भगवान गणेश जी वहां रहे उतने ही दिन रिद्धि सिद्धि उनकी पत्नी और माता लक्ष्मी भी उधर रहे। गणेश जी के लाल बाग में रहने से वह क्षेत्र धन-धान्य से परिपूर्ण हो गया। तो कार्तिकेय ने इतने दिन का गणेशजी को लाल बाग का राजा मान कर उनका सम्मान किया। और यही पूजन गणपति महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
इसके अलावा भी गणेश चतुर्थी मानाने के कई और कारण है। मान्यता है कि भाद्रपद पास की चतुर्थी को गणेशजी ने महाभारत का लेखन कार्य आरंभ किया था। महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए गणेशजी का आह्नान किया था। गणेश जी ने १० दिनों में महाभारत ग्रन्थ लिख कर समाप्त किया था। उन्होंने यह ग्रथ बिना रुके लिखा था।
गजानन के पूजन से भक्तों की सभी बाधाएं दूर हो जाती है और कष्टों का निवारण होता है साथ ही जो लोग विनायक जी की आराधना करते हैं उनका जीवन खुशियां से भर जाता है। गणपति बाप्पा को विघ्नहारी भी कहा जाता है क्योंकि गणपति बाप्पा विघ्नहारी और मंगलकारी हैं। उनकी पूजा मातृ से ही भक्तों के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं।गणेश चतुर्थी के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपादी मुर्मू ने देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. राष्ट्रपति ने लिखा है कि गणेश जी के आशीर्वाद से सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए.