पूरी दुनिया पुरे जोश के साथ आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मना रही है। इस अवसर पर जहा पुरे देश भर में अलग अलग कार्यक्रम आयोजित हुए , वही राकेश भास्कर जी ने परम पूजिय डॉ उमाकांतानंद जी सरस्वती  के सानिध्य में योग अभयास किया और जीवन में योग के महत्व को जाना। परम पूज्य स्वामी डॉ उमाकांतानंद जी सरस्वती ने “Divine Shri Ram International Charitable Trust, Haridwar”, उत्तराखंड की नीव राखी थी और उन्होंने देश विदेश के कई प्रमुख संस्थाओ में गीता, उपनिषद, रामायण जैसे विषयो पर अपने विचार व्यक्त किये है। स्वामी जी योग से जुड़े हुए है और उनका मानना है की योग जीवन जीने की कला है। गौतलब है की 21 जून 2015 को पहला योग दिवस मनाया गया था। इसकी नींव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग से संबंधित एक प्रभावशाली भाषण के साथ रखी गई थी। 

सब के साथ मिलकर किया योग  

परम पूजिय डॉ उमाकांतानंद जी सरस्वती के सानिध्य में भास्कर जी ने और लोगो के साथ योग किया। इस दौरान उन्होंने योग से होने वाले फायदों के बारे में जाना और प्राण लिया की वे नियमित तौर पर अपने जीवन में रोज़ योगाभ्यास करेंगे। इसके साथ ही वे और लोगो को भी योग करने के लिए प्रेरित करेंगे। काया को निरोगी रखने के लिए की योग की अलग-अलग क्रियाएं सीखी और साथ ही उनके महत्व को भी जाना। उन्होंने “ॐ ” की धवनि के साथ योगाभ्यास शुरू किया। भास्कर जी काफी लम्बे समय से  परम पूज्य स्वामी डॉ उमाकांतानंद जी सरस्वती और “Divine Shri Ram International Charitable Trust”,Haridwar, उत्तराखंड से जुड़े हुए है। 

जाना जीवन में  योग का महत्व 

भास्कर जी के मुताबिक योग मानव के शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। निश्चित ही योग पूरी दुनिया में स्वास्थ्य को चुनौती देने वाली बीमारियों को कम करने में मदद करता है।यह एक अमूल्य प्राचीन प्रथा है। यूं तो योग की महत्व किसी से छुपा नहीं है लेकिन इसका महत्व तब बढ़ गया जब कोरोना के कारण सभी घरों में बैठकर तनाव से ग्रस्त हो गए थे और लोगों की आवाजाही बंद हो गई थी। ऐसे मे मन को शांत रखने और शरीर को दुरुस्त रखने में योग ने ही मदद की थी। योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है। योग व्यक्तियों के लिए नहीं है, योग मानवता के लिए है। योग केवल शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ्य नहीं बनाता बल्कि यह सामाजिक रूप से भी आपका विकास करता है। योग मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाने भी में मदद करता है। योग स्वास्थ्य की सुरक्षा और सतत स्वास्थ्य विकास के बीच एक कड़ी प्रदान करता है। इसलिए हमें नियमित रूप से योग का अभ्यास करना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

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