देश में उत्पादित कच्चे तेल पर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने घरेलू रूप से उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री के अविनियमन (नियमों या प्रतिबंधों को हटाना) को मंजूरी दे दी है।  मंत्रिमंडल ने घरेलू बाजार में उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री को नियंत्रण-मुक्त करने की मंजूरी दी है। यह सभी उत्पादन कंपनियों के लिए विपणन स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए कदम है। सरकार या उसके नामिती या सरकारी कंपनियों को कच्चा तेल बेचने की शर्त को तदनुसार माफ कर दिया जाएगा। सभी ईएंडपी कंपनियां अब घरेलू बाजार में अपने खेतों से कच्चा तेल बेचने के लिए स्वतंत्र होंगी। मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार तय करती है कि किस राज्य द्वारा संचालित रिफाइनरी को प्रत्येक उत्पादक से कितना क्रूड मिलता है।

सरकार को क्या होगा फायदा

सरकार के इस फैसले से राजस्व को बढ़ावा मिलेगा और ऑयल इंडिया और ओएनजीसी जैसी कंपनियों को अपने कच्चे तेल के लिए बेहतर प्राप्ति होगी। सरकार के इस फैसले से उम्मीद की जा रही है की केंद्र की रॉयल्टी और उपकर आय को बढ़ावा दे सकती है। सरकार का यह फैसला १ अक्टूबर से प्रभावी होगा। १ अक्टूबर से सरकार या उसके नामित या सरकारी कंपनियों को कच्चा तेल बेचने की शर्त माफ कर दी जाएगी। सरकार का यह फैसला आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा देगा, अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र में निवेश करने को प्रोत्साहित करेगा और 2014 से शुरू किए गए लक्षित परिवर्तनकारी सुधारों की एक श्रृंखला पर आधारित होगा। तेल और गैस के उत्पादन, बुनियादी ढांचे और विपणन से संबंधित नीतियों को और अधिक पारदर्शी बनाया गया है।

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